Tuesday, August 11, 2020

RIP Rahat Indori

 



किसने दस्तक दी ये दिल पर कौन है

आप तो अंदर है फिर बाहर कौन है..


जवान आँखो के जुगनू चमक रहे होगे

अब अपने गाँव  मे अमरूद पक रहे होगे..


भुला दे मुझको  मगर मेरी उंगलियो के निशा

तेरे बदन पे अभी तक चमक रहे होगे..



आग के पास कभी मोम  को लाकर देखू 

हो इजाज़त तो तुझे हाथ लगाकर  देखू ..


मन  का मंदिर बड़ा  वीरान नज़र आता है

सोचता  हू तेरी तस्वीर लगा कर देखू ...


मेरी सासो मे समाया भी बहुत लगता है

वही शक्श पराया भी बहुत लगता है...


उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है

लेकिन  आने जाने मे किराया  भी बहुत लगता है...



फ़ैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए 

जंग हो या इश्क़ हो भरपूर होना चाहिए

काट चुकी उमर सारी जिनकी पत्तर  तोड़ते

अब तो इन हाथो मे कोहिनूर होना चाहिए ..


हम अपनी के दुश्मन को जान कहते है

मोहब्बत इसी मोहब्बत को हिन्दुस्तान कहते है..


जो ये दीवार का सुराक़ है साज़िश का हिस्सा है

मगर हम इसे अपने घर का रोशन दान कहते है..


जो दुनिया को सुनाई दे उसे कहते है खामोशी

जो आँखो मे दिखाई दे उसे तूफान कहते है..



सिर्फ़ खंजर ही नही आँखो मे पानी चाहिए 

आय खुदा दुश्मन भी मुजको खानदानी चाहिए..


मैने अपनी खुश्क आखो से लहू छलका दिया

समुंदर कह रहा था मूज़े पानी चाहिए...



जो दौर का दुनिया का उसी दौर से बोलो

बहरो का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो...


दिल्ली  मे हम ही बोला करे अमन की बोली

यारों कभी तुम लोग भी लाहोर से बोलो...


सूरज ,सितारे,चाँद मेरे साथ मे रहे

जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ मे रहे


शाखो से टूट जाए वो पत्ते नही है हम

आँधी से कोई कह दे औकात मे रहे...

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